Heart Broken Poetry of Ahmad Faraz (page 3)
नाम | अहमद फ़राज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Faraz |
जन्म की तारीख | 1931 |
मौत की तिथि | 2008 |
कर गए कूच कहाँ
कनीज़
काली दीवार
इंतिसाब
ईद-कार्ड
हच-हाईकर
हमदर्द
दोस्ती का हाथ
भली सी एक शक्ल थी
बन-बास
ऐ मेरे वतन के ख़ुश-नवाओ
ऐ मेरे सारे लोगो
अभी हम ख़ूबसूरत हैं
ज़िंदगी से यही गिला है मुझे
यूँ तो पहले भी हुए उस से कई बार जुदा
ये तबीअत है तो ख़ुद आज़ार बन जाएँगे हम
ये शहर सेहर-ज़दा है सदा किसी की नहीं
ये मैं भी क्या हूँ उसे भूल कर उसी का रहा
ये क्या कि सब से बयाँ दिल की हालतें करनी
ये बे-दिली है तो कश्ती से यार क्या उतरें
ये आलम शौक़ का देखा न जाए
वो दुश्मन-ए-जाँ जान से प्यारा भी कभी था
वहशतें बढ़ती गईं हिज्र के आज़ार के साथ
वहशत-ए-दिल सिला-ए-आबला-पाई ले ले
उस ने सुकूत-ए-शब में भी अपना पयाम रख दिया
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ
उस का अपना ही करिश्मा है फ़ुसूँ है यूँ है
तुझ से मिल कर तो ये लगता है कि ऐ अजनबी दोस्त
तुझे है मश्क़-ए-सितम का मलाल वैसे ही
तेरी बातें ही सुनाने आए