Sad Poetry of Ahmad Javed

Sad Poetry of Ahmad Javed
नामअहमद जावेद
अंग्रेज़ी नामAhmad Javed
जन्म की तारीख1948

ये क्या चीज़ तामीर करने चले हो

ये एक लम्हे की दूरी बहुत है मेरे लिए

यही दिल जो इक बूँद है बहर-ए-ग़म की

दिल-ए-बेताब के हमराह सफ़र में रहना

हुस्न नजात-दहिन्दा है

एक सूरमा के नाम

अन-पढ़ गूँगे का रजज़

आँधी का रजज़

उस के लहजे का वो उतार चढ़ाओ

सबा देख इक दिन इधर आन कर के

निहाल-ए-वस्ल नहीं संग-बार करने को

मौजूद हैं कितने ही तुझ से भी हसीं कर के

मगर वो दिया ही नहीं मान कर के

कोई जल में ख़ुश है कोई जाल में

किया है दिल ने बेगाना जहान-ए-मुर्ग़-ओ-माही से

किसी का ध्यान मह-ए-नीम-माह में आया

गए थे वहाँ जी में क्या ठान कर के

दिल-ए-बेताब के हमराह सफ़र में रहना

दिल आईना है मगर इक निगाह करने को

बारिश का है ऐसा काल

अच्छी गुज़र रही है दिल-ए-ख़ुद-कफ़ील से

आँसू की तरह दीदा-ए-पुर-आब में रहना

आख़िरुल-अम्र तिरी सम्त सफ़र करते हैं

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