अल्लाह वाला एक क़बीला मेरी निस्बत
और मैं अपने नाम नसब से ना-वाक़िफ़ हूँ
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लफ़्ज़ों की दस्तरस में मुकम्मल नहीं हूँ मैं
बस उस की पहचान यही है
बहुत छोटा सफ़र था ज़िंदगी का
ख़ुद को पाया था न खोया मैं ने
फूलों में एक रंग है आँखों के नीर का
एक बच्चा ज़ेहन से पैसा कमाने की मशीन
बस इक जहान-ए-तहय्युर से आने वाला है
पॉप धमाके में हम भक्ती ढूँड रहे हैं
मैं इकतिशाफ़ की हिजरत बहिश्त से लाया
पस-ए-ख़याल हूँ कितना ज़ुहूर कितना हूँ
ज़माना हो गया है ख़्वाब देखे
सुब्ह-ए-वजूद हूँ कि शब-ए-इंतिज़ार हूँ