Ghazals of Ali Akbar Abbas
नाम | अली अकबर अब्बास |
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अंग्रेज़ी नाम | Ali Akbar Abbas |
जन्म की तारीख | 1948 |
कविताएं
Ghazal 16
Nazam 3
Couplets 10
Love 10
Sad 10
Heart Broken 13
Hope 4
Friendship 1
Islamic 1
बारिश 1
ख्वाब 5
मैं लौह-ए-अर्ज़ पर नाज़िल हुआ सहीफ़ा हूँ
कभी जो नूर का मज़हर रहा है
शुआएँ ऐसे मिरे जिस्म से गुज़रती गईं
पेश हर अहद को इक तेग़ का इम्काँ क्यूँ है
ज़रा हटे तो वो मेहवर से टूट कर ही रहे
सारा दिन बे-कार बैठे शाम को घर आ गए
पानी में भी प्यास का इतना ज़हर मिला है
मैं अपने वक़्त में अपनी रिदा में रहता हूँ
किसी पे बार-ए-दिगर भी निगाह कर न सके
कभी सर पे चढ़े कभी सर से गुज़रे कभी पाँव आन गिरे दरिया
जो ख़ुद को पाएँ तो फिर दूसरा तलाश करें
ग़ुबार-ए-नूर है या कहकशाँ है या कुछ और
देखने में लगती थी भीगती सिमटती रात
बोसीदा ख़दशात का मलबा दूर कहीं दफ़नाओ
अपने नाख़ुन अपने चेहरे पर ख़राशें दे गए
अँधेरी बस्तियाँ रौशन मनारे डूब जाएँगे