Love Poetry of Ali Jawwad Zaidi

Love Poetry of Ali Jawwad Zaidi
नामअली जव्वाद ज़ैदी
अंग्रेज़ी नामAli Jawwad Zaidi
जन्म की तारीख1916
मौत की तिथि2004

नज़्ज़ारा-ए-जमाल की फ़ुर्सत कहाँ मिली

जब छेड़ती हैं उन को गुमनाम आरज़ुएँ

हम अहल-ए-दिल ने मेयार-ए-मोहब्बत भी बदल डाले

ऐश ही ऐश है न सब ग़म है

होली

भूलती हुई याद

ज़ुल्मत-कदों में कल जो शुआ-ए-सहर गई

ज़र्रा-ए-ना-तापीदा की ख़्वाहिश-ए-आफ़ताब क्या

तेरे हल्के से तबस्सुम का इशारा भी तो हो

तय कर चुके ये ज़िंदगी-ए-जावेदाँ से हम

राह-ए-उल्फ़त में मिले ऐसे भी दीवाने मुझे

नींद आ गई थी मंज़िल-ए-इरफ़ाँ से गुज़र के

नया मय-कदे में निज़ाम आ गया

मंज़िल-ए-दिल मिली कहाँ ख़त्म-ए-सफ़र के बाद भी

कम-ज़र्फ़ एहतियात की मंज़िल से आए हैं

जो मक़्सद गिर्या-ए-पैहम का है वो हम समझते हैं

जवानी हरीफ़-ए-सितम है तो क्या ग़म

है ख़मोश आँसुओं में भी नशात-ए-कामरानी

गो वसीअ' सहरा में इक हक़ीर ज़र्रा हूँ

ग़ैर पूछें भी तो हम क्या अपना अफ़्साना कहें

इक आह-ए-ज़ेर-ए-लब के गुनहगार हो गए

दीन ओ दिल पहली ही मंज़िल में यहाँ काम आए

ऐश ही ऐश है न सब ग़म है

आँखों में अश्क भर के मुझ से नज़र मिला के

आँख कुछ बे-सबब ही नम तो नहीं

अली जव्वाद ज़ैदी Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अली जव्वाद ज़ैदी. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अली जव्वाद ज़ैदी. Share the अली जव्वाद ज़ैदी Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.