अंजुम रूमानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अंजुम रूमानी
नाम | अंजुम रूमानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Anjum Rumani |
जन्म की तारीख | 1920 |
मौत की तिथि | 2001 |
जन्म स्थान | Lahore |
ये जितने मसअले हैं मश्ग़ले हैं सब फ़राग़त के
सच के सौदे में न पड़ना कि ख़सारा होगा
रहे ज़रा दिल-ए-ख़ूँ-गश्ता पर नज़र 'अंजुम'
क़लंदरी है कि रखता है दिल ग़नी 'अंजुम'
पाप करो जी खोल कर धब्बों की क्या सोच
मौसम का आह-ओ-नाला से अंदाज़ा कीजिए
किस की जबीं पे हैं ये सितारे अरक़ अरक़
दिल से उठता है सुब्ह-ओ-शाम धुआँ
देते नहीं सुझाई जो दुनिया के ख़त्त-ओ-ख़ाल
और कुछ दिन ख़राब हो लीजे
आज का झगड़ा आज चुका
आएगी हम को रास न यक-रंगी-ए-ख़ला
गुज़र रहे हैं गुज़रने वाले
यहाँ तो फिर वही दीवार-ओ-दर निकल आए
नहीं नाम-ओ-निशाँ साए का लेकिन यार बैठे हैं
मौसम का आह-ओ-नाला से अंदाज़ा कीजिए
कुछ अजनबी से लोग थे कुछ अजनबी से हम
जहाँ तक गया कारवान-ए-ख़याल
जाए ख़िरद नहीं है कि फ़रज़ाना चाहिए
जब भी कोई बात की आँसू ढलके साथ
हम से भी गाहे गाहे मुलाक़ात चाहिए
हम से बात में पेच न डाल
हर चंद उन्हें अहद फ़रामोश न होगा
है वाक़िआ कुछ और रिवायत कुछ और है
है जो तासीर सी फ़ुग़ाँ में अभी
दुखी दिलों के लिए ताज़ियाना रखता है
दिन हो कि रात, कुंज-ए-क़फ़स हो कि सेहन-ए-बाग़
दिन हो कि रात कुंज-ए-क़फ़स हो कि सेहन-ए-बाग़