Hope Poetry of Atiiqullah

Hope Poetry of Atiiqullah
नामअतीक़ुल्लाह
अंग्रेज़ी नामAtiiqullah
जन्म की तारीख1941
जन्म स्थानDelhi

ज़रा से रिज़्क़ में बरकत भी कितनी होती थी

मुझ में ख़ुद मेरी अदम-मौजूदगी शामिल रही

फ़ज़ा में हाथ तो उट्ठे थे एक साथ कई

मैं कि तुम पे बाज़ हूँ

कितना मुश्किल है

हमारे मा-बैन

मिरे सुपुर्द कहाँ वो ख़ज़ाना करता था

कुछ और दिन अभी उस जा क़याम करना था

कुछ और दिन अभी इस जा क़याम करना था

इस दश्त नवर्दी में जीना बहुत आसाँ था

फ़रार के लिए जब रास्ता नहीं होगा

एक सूखी हड्डियों का इस तरफ़ अम्बार था

चराग़ हाथों के बुझ रहे हैं सितारा हर रह-गुज़र में रख दे

चलो सुरंग से पहले गुज़र के देखा जाए

बहुत दिनों में कहीं रास्ते बदलते थे

आसमाँ का सितारा न महताब है

आने वाला तो हर इक लम्हा गुज़र जाता है

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