Love Poetry of Aziz Lakhnavi (page 1)
नाम | अज़ीज़ लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aziz Lakhnavi |
जन्म की तारीख | 1882 |
मौत की तिथि | 1935 |
जन्म स्थान | Lucknow |
ये तेरी आरज़ू में बढ़ी वुसअत-ए-नज़र
तह में दरिया-ए-मोहब्बत के थी क्या चीज़ 'अज़ीज़'
शम्अ' बुझ कर रह गई परवाना जल कर रह गया
माना कि बज़्म-ए-हुस्न के आदाब हैं बहुत
झूटे वादों पर थी अपनी ज़िंदगी
जब से ज़ुल्फ़ों का पड़ा है इस में अक्स
हुस्न-ए-आरास्ता क़ुदरत का अतिय्या है मगर
हमेशा से मिज़ाज-ए-हुस्न में दिक़्क़त-पसंदी है
हाए क्या चीज़ थी जवानी भी
दुनिया का ख़ून दौर-ए-मोहब्बत में है सफ़ेद
अपने मरकज़ की तरफ़ माइल-ए-परवाज़ था हुस्न
ऐ सोज़-ए-इश्क़-ए-पिन्हाँ अब क़िस्सा मुख़्तसर है
'मीर'
लज़्ज़त-ए-ग़म
बचपने की याद
आतिश-ए-ख़ामोश
ये मशवरा बहम उठ्ठे हैं चारा-जू करते
ये ग़लत है ऐ दिल-ए-बद-गुमाँ कि वहाँ किसी का गुज़र नहीं
वो निगाहें क्या कहूँ क्यूँ कर रग-ए-जाँ हो गईं
वाइज़ बुतान-ए-दैर से नफ़रत न कीजिए
तिरी कोशिश हम ऐ दिल सई-ए-ला-हासिल समझते हैं
सामने आइना था मस्ती थी
साफ़ बातिन देर से हैं मुंतज़िर
परतव-ए-हुस्न कहीं अंजुमन-अफ़रोज़ तो हो
न हुई हम से शब बसर न हुई
मुसीबत थी हमारे ही लिए क्यूँ
मेरे रोने पे ये हँसी कैसी
मिरे नासेह मुझे समझा रहे हैं
क्यूँ न हो शौक़ तिरे दर पे जबीं-साई का
कुछ हिसाब ऐ सितम ईजाद तो कर