Hope Poetry of Dilawar Ali Aazar

Hope Poetry of Dilawar Ali Aazar
नामदिलावर अली आज़र
अंग्रेज़ी नामDilawar Ali Aazar
जन्म की तारीख1984
जन्म स्थानPakistan

वही सितारा-नुमा इक चराग़ है 'आज़र'

बदन को छोड़ ही जाना है रूह ने 'आज़र'

सात दरियाओं का पानी है मिरे कूज़े में

मंज़र से उधर ख़्वाब की पस्पाई से आगे

मैं सुर्ख़ फूल को छू कर पलटने वाला था

ख़ुद अपनी आग में सारे चराग़ जलते हैं

हवस से जिस्म को दो-चार करने वाली हवा

दरून-ए-ख़्वाब नया इक जहाँ निकलता है

बना रहा था कोई आब ओ ख़ाक से कुछ और

'आज़र' रहा है तेशा मिरे ख़ानदान में

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