तुम्हारा चेहरा तुम्हें हू-ब-हू दिखाऊँगा
मैं आइना हूँ मिरा ए'तिबार तुम भी करो
Rahat Indori
Jaun Eliya
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ख़ूब निभेगी हम दोनों में मेरे जैसा तू भी है
किसी ने राह का पत्थर हमीं को ठहराया
मेरी दादी
कभी यक़ीं से हुई और कभी गुमाँ से हुई
दिमाग़ अहल-ए-मोहब्बत का साथ देता नहीं
लबों के सामने ख़ाली गिलास रखते हैं
जिस दिन से कोई ख़्वाहिश-ए-दुनिया नहीं रखता
हमारे तन पे कोई क़ीमती क़बा न सही
कम्पयूटर
यारो हुदूद-ए-ग़म से गुज़रने लगा हूँ मैं
चिलड्रेंस-डे