आने वाले किसी तूफ़ान का रोना रो कर
ना-ख़ुदा ने मुझे साहिल पे डुबोना चाहा
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दिल लगाओ तो लगाओ दिल से दिल
दिल अभी तक जवान है प्यारे
भुलाई नहीं जा सकेंगी ये बातें
मेरी क़िस्मत के नविश्ते को मिटा दे कोई
चले थे हम कि सैर-ए-गुलशन-ए-ईजाद करते हैं
इन गेसुओं में शाना-ए-अरमाँ न कीजिए
आने वाले जाने वाले हर ज़माने के लिए
अब ख़ूब हँसेगा दीवाना
जो मिरे दिल में है कहने दीजिए
ओ दिल तोड़ के जाने वाले दिल की बात बताता जा
हाँ मैं तो लिए फिरता हूँ इक सजदा-ए-बेताब
अजनबियों के शहर में गुम हूँ मगर मैं कौन हूँ