तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत
हम जहाँ में तिरी तस्वीर लिए फिरते हैं
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Wasi Shah
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Gulzar
Rahat Indori
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(2312) Peoples Rate This
सियह-बख़्ती में कब कोई किसी का साथ देता है
रात दिन नाक़ूस कहते हैं ब-आवाज़-ए-बुलंद
वो नहीं भूलता जहाँ जाऊँ
सनम कूचा तिरा है और मैं हूँ
ऐन दानाई है 'नासिख़' इश्क़ में दीवानगी
हम मय-कशों को डर नहीं मरने का मोहतसिब
फ़ुर्क़त क़ुबूल रश्क के सदमे नहीं क़ुबूल
तीन त्रिबेनी हैं दो आँखें मिरी
चैन दुनिया में ज़मीं से ता-फ़लक दम भर नहीं
ज़ोर है गर्मी-ए-बाज़ार तिरे कूचे में
ऐ अजल एक दिन आख़िर तुझे आना है वले
यारों की हम से दिल-शिकनी हो सके कहाँ