इमरान-उल-हक़ चौहान कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इमरान-उल-हक़ चौहान

इमरान-उल-हक़ चौहान कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इमरान-उल-हक़ चौहान
नामइमरान-उल-हक़ चौहान
अंग्रेज़ी नामImran-ul-haq Chauhan

वक़्त हर ज़ख़्म को भर देता है कुछ भी कीजे

रंग हो रौशनी हो या ख़ुशबू

क्या जाने शाख़-ए-वक़्त से किस वक़्त गिर पड़ूँ

ख़्वाब, उम्मीद, तमन्नाएँ, तअल्लुक़, रिश्ते

हार ही जीत है आईन-ए-वफ़ा की रू से

अपने लहू में ज़हर भी ख़ुद घोलता हूँ मैं

अजीब ख़ौफ़ का मौसम है इन दिनों 'इमरान'

ये जो आबाद होने जा रहे हैं

उस का बदन भी चाहिए और दिल भी चाहिए

पयाम ले के हवा दूर तक नहीं जाती

मौसम-ए-गुल है तिरे सुर्ख़ दहन की हद तक

कोई तो है जो आहों में असर आने नहीं देता

हम न दुनिया के हैं न दीं के हैं

अपने लहू में ज़हर भी ख़ुद घोलता हूँ मैं

अपने हिस्से में ही आने थे ख़सारे सारे

Imran-ul-haq Chauhan Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Imran-ul-haq Chauhan including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Imran-ul-haq Chauhan. Free Download all kind of Imran-ul-haq Chauhan Poetry in PDF. Best of Imran-ul-haq Chauhan Poetry in Hindi. Imran-ul-haq Chauhan Ghazals and Inspirational Nazams for Students.