एक पौदा और घास
काफ़िर को है बंदगी बुतों की ग़म-ख़्वार
अल-हक़ कि नहीं है ग़ैर हरगिज़ मौजूद
दीन और दुनिया का तफ़रक़ा है मोहमल
पन चक्की
मजमूआ-ए-ख़ार-ओ-गुल है ज़ेब-ए-गुलज़ार
तेज़ी नहीं मिनजुमला-ए-औसाफ़-ए-कमाल
गर्मी का मौसम
आजिज़ है ख़याल और तफ़क्कुर-ए-हैराँ
था रंग-ए-बहार बे-नवाई कि न था
लाखों चीज़ें बना के भेजें अंग्रेज़
ईद-ए-क़ुर्बां है आज ऐ अहल-ए-हमम