इसराफ़ से एहतिराज़ अगर फ़रमाते
छोटे काम का बड़ा नतीजा
बरसात
हमारी गाय
वाहिद मुतकल्लिम का हो जो मुंकिर
एक पौदा और घास
अफ़्सुर्दगी और गर्म-जोशी भी ग़लत
लाखों चीज़ें बना के भेजें अंग्रेज़
नक़्क़ाश से मुमकिन है कि हो नक़्श ख़िलाफ़
आजिज़ है ख़याल और तफ़क्कुर-ए-हैराँ
अब क़ौम की जो रस्म है सो ऊल-जुलूल
दर-अस्ल कहाँ है इख़्तिलाफ़-ए-अहवाल