मिला हमें बस एक ख़ुदा
और वो भी बेदर्द मिला
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बस के नीचे कोई नहीं आता फिर भी
छोड़ गया मुझ को 'अल्वी'
उठते हुए क़दमों की धमक आने लगी है
ऐसा हो
इक लड़का था इक लड़की थी
दिल का आईना हुआ जाता है धुँदला धुँदला
नहा कर भीगे बालों को सुखाती
रौशनी कुछ तो मिले जंगल में
जल मरने से पहले
पर तोल के बैठी है मगर उड़ती नहीं है
इरादा है किसी जंगल में जा रहूँगा मैं
तीसरी आँख खुलेगी तो दिखाई देगा