मेरी वफ़ाएँ याद करोगे
रोओगे फ़रियाद करोगे
Allama Iqbal
Habib Jalib
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Jaun Eliya
Gulzar
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(759) Peoples Rate This
दाग़ सीने पे जो हमारे हैं
रब्त है हुस्न ओ इश्क़ में बाहम
शिकवा-ए-बेजा की क्या उन से शिकायत हम करें
ऐ हक़-सरिश्त आइना-ए-हक़-नुमा हैं हम
ये डर है क़ाफ़िले वालो कहीं न गुम कर दे
लंदन की एक शाम
दावर-ए-हश्र मिरा नामा-ए-आमाल न देख
हमें भी देख कि हम आरज़ू के सहरा में
हुस्न के राज़-ए-निहाँ शरह-ए-बयाँ तक पहुँचे
लुत्फ़-ए-वफ़ा नहीं कि वो बेदाद-गर नहीं