मुस्तफ़ा शहाब कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुस्तफ़ा शहाब (page 2)
नाम | मुस्तफ़ा शहाब |
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अंग्रेज़ी नाम | Mustafa Shahab |
कैसे पता चलेगा अगर सामना न हो
जब उस ने आने का इक दिन इधर इरादा किया
हम किसी साया-ए-दीवार में आ बैठे हैं
इक शम्अ का साया था कि मेहराब में डूबा
इक इंक़लाब कि यकसर था उस के जाते ही
धूप सी उम्र बसर करना है
छू के गुज़रा मुझे ज़माना सा
अक्स देखा तो लगा कोई कमी है मुझ में