अपनी आँखों को नोच डाला है
तुम को पाने के ख़्वाब बुनती हैं
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Jaun Eliya
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Wasi Shah
Habib Jalib
Gulzar
Anwar Masood
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ख़ुदी का राज़
ये मुख़्तसर सी शिकन क्या बताएगी तुम को
वजूद कर्ब से आगे
संग-दिल
चाँद जैसा इश्क़
यौम-ए-मज़दूर
गुड़िया
दिल की उदासियों का कोई सबब नहीं है
ज़िंदगी से मिले हुए हो तुम
यूँ तो मोहब्बतों में बड़ी क़ुर्बतें रहीं
हलचल