कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के ब'अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर
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जेब कटने के ब'अद
अब किसी से भी शिकायत न रही
कोई हंगामा उठाया जाए
ये कैसी कश्मकश है ज़िंदगी में
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है
इत्तिफ़ाक़
आदमी की तलाश
जाने वालों से राब्ता रखना
ये शहर है कि नुमाइश लगी हुई है कोई
कहता है कोई कुछ तो समझता है कोई कुछ