कुछ इस तरह से वो शामिल हुआ कहानी में
कि इस के बाद जो किरदार था फ़साना हुआ
Gulzar
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Allama Iqbal
Rahat Indori
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Jaun Eliya
Anwar Masood
Ahmad Faraz
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चराग़-ए-याद की लौ हम-सफ़र कहाँ तक है
भला वो हुस्न किस की दस्तरस में आ सका है
वहाँ महफ़िल न सजाई जहाँ ख़ल्वत नहीं की
वुसअत है वही तंगी-अफ़्लाक वही है
दिल तुझे नाज़ है जिस शख़्स की दिलदारी पर
कभी सितारे कभी कहकशाँ बुलाता है
इंतिज़ार और दस्तकों के दरमियाँ कटती है उम्र
ये लोग इश्क़ में सच्चे नहीं हैं वर्ना हिज्र
वो जिन के नक़्श-ए-क़दम देखने में आते हैं
मोहलत न मिली ख़्वाब की ताबीर उठाते
सरासर नफ़ा था लेकिन ख़सारा जा रहा है
तमाम उम्र सितारे तलाश करता फिरा