तब्अ तेरी अजब तमाशा है
गाह तोला है गाह माशा है
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Gulzar
Wasi Shah
Rahat Indori
Habib Jalib
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(436) Peoples Rate This
ऐ मुसलमानो बड़ा काफ़िर है वो
साक़ी मुझे ख़ुमार सताए है ला शराब
पगड़ी अपनी यहाँ सँभाल चलो
नौ-जवानों को देख कर 'हातिम'
तू जो मूसा हो तो उस का हर तरफ़ दीदार है
अब्र में याद-ए-यार आवे है
मज्लिस में रात गिर्या-ए-मस्ताँ था तुझ बग़ैर
रिश्ता-ए-उमर-दराज़ अपना मैं कोताह करूँ
है कभू दिल में कभू जी में कभू आँखों के बीच
तुम्हारे इश्क़ में हम नंग-ओ-नाम भूल गए
औक़ात-ए-शैख़ गो कि सुजूद ओ क़याम है
रोना वही जो ख़ौफ़-ए-इलाही से रोइए