सातों आलम सर करने के बा'द इक दिन की छुट्टी ले कर
घर में चिड़ियों के गाने पर बच्चों की हैरानी देखो
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Gulzar
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Wasi Shah
Javed Akhtar
Jaun Eliya
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Allama Iqbal
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दश्त को जा तो रहे हो सोच लो कैसा लगेगा
इस ए'तिबार से बे-इंतिहा ज़रूरी है
मैं ने सिर्फ़ अपने नशेमन को सजाया साल भर
रखते हैं अपने ख़्वाबों को अब तक अज़ीज़ हम
ख़ुदा ने चाहा तो सब इंतिज़ाम कर देंगे
जिन को क़ुदरत है तख़य्युल पर उन्हें दिखता नहीं
लोगों ने हम को शहर का क़ाज़ी बना दिया
या तो जो ना-फ़हम हैं वो बोलते हैं इन दिनों
हालत उसे दिल की न दिखाई न ज़बाँ की
रिंद खड़े हैं मिम्बर मिम्बर
उस के बयान से हुए हर दिल अज़ीज़ हम
औरों से पूछिए तो हक़ीक़त पता चले