बदलती रहती हैं क़द्रें रहील-ए-वक़्त के साथ
ज़माना बदलेगा हर शय का नाम बदलेगा
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Jaun Eliya
Anwar Masood
Habib Jalib
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Gulzar
Javed Akhtar
Rahat Indori
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इक हल्क़ा-ए-अहबाब है तन्हाई भी उस की
ख़लिश सुकूँ का मुदावा नहीं तो कुछ भी नहीं
अलिफ़ लैला
मिरे फ़िक्र ओ फ़न को नई फ़ज़ा नए बाल-ओ-पर की तलाश है
मैं तंग हूँ सुकून से अब इज़्तिराब दे
इस तरह से कश्ती भी कोई पार लगे है
यक़ीनन आ गया है मय-कदे में तिश्ना-लब कोई
देखिए कब राह पर ठीक से उट्ठें क़दम
शमएँ रौशन हैं आबगीनों में
माँ
साज़-ए-हस्ती में कुछ सदा ही नहीं
ये ज़िंदगी की रात है तारीक किस क़दर