Sad Poetry of Abdul Hamid Adam (page 2)

Sad Poetry of Abdul Hamid Adam (page 2)
नामअब्दुल हमीद अदम
अंग्रेज़ी नामAbdul Hamid Adam
जन्म की तारीख1910
मौत की तिथि1981

कश्ती चला रहा है मगर किस अदा के साथ

जो भी तेरे फ़क़ीर होते हैं

जिस वक़्त भी मौज़ूँ सी कोई बात हुई है

जब तिरे नैन मुस्कुराते हैं

इतना तो दोस्ती का सिला दीजिए मुझे

हम ने हसरतों के दाग़ आँसुओं से धो लिए

हवा सनके ख़ारों की बड़ी तकलीफ़ होती है

हँस हँस के जाम जाम को छलका के पी गया

गो तिरी ज़ुल्फ़ों का ज़िंदानी हूँ मैं

गिरते हैं लोग गर्मी-ए-बाज़ार देख कर

ग़म-ए-मोहब्बत सता रहा है ग़म-ए-ज़माना मसल रहा है

फ़क़ीर किस दर्जा शादमाँ थे हुज़ूर को कुछ तो याद होगा

दुआएँ दे के जो दुश्नाम लेते रहते हैं

दिल को दिल से काम रहेगा

दिल है बड़ी ख़ुशी से इसे पाएमाल कर

दिल डूब न जाएँ प्यासों के तकलीफ़ ज़रा फ़रमा देना

देख कर दिल-कशी ज़माने की

दरोग़ के इम्तिहाँ-कदे में सदा यही कारोबार होगा

भूली-बिसरी बातों से क्या तश्कील-ए-रूदाद करें

बे-सबब क्यूँ तबाह होता है

बहुत से लोगों को ग़म ने जिला के मार दिया

अरे मय-गुसारो सवेरे सवेरे

ऐ साक़ी-ए-मह-वश ग़म-ए-दौराँ नहीं उठता

अब दो-आलम से सदा-ए-साज़ आती है मुझे

आता है कौन दर्द के मारों के शहर में

आज फिर रूह में इक बर्क़ सी लहराती है

आगही में इक ख़ला मौजूद है

अब्दुल हमीद अदम Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अब्दुल हमीद अदम. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अब्दुल हमीद अदम. Share the अब्दुल हमीद अदम Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.