Hope Poetry of Ahmad Husain Mail

Hope Poetry of Ahmad Husain Mail
नामअहमद हुसैन माइल
अंग्रेज़ी नामAhmad Husain Mail

मुझ से बिगड़ गए तो रक़ीबों की बन गई

कुछ न पूछो ज़ाहिदों के बातिन ओ ज़ाहिर का हाल

वो पारा हूँ मैं जो आग में हूँ वो बर्क़ हूँ जो सहाब में हूँ

शब-ए-माह में जो पलंग पर मिरे साथ सोए तो क्या हुए

रू-ए-ताबाँ माँग मू-ए-सर धुआँ बत्ती चराग़

प्यार अपने पे जो आता है तो क्या करते हैं

मैं ही मतलूब ख़ुद हूँ तू है अबस

महशर में चलते चलते करूँगा अदा नमाज़

क्यूँ शौक़ बढ़ गया रमज़ाँ में सिंगार का

कोई हसीन है मुख़्तार-ए-कार-ख़ाना-ए-इश्क़

हो गए मुज़्तर देखते ही वो हिलती ज़ुल्फ़ें फिरती नज़र हम

चोरी से दो घड़ी जो नज़ारे हुए तो क्या

अहमद हुसैन माइल Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अहमद हुसैन माइल. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अहमद हुसैन माइल. Share the अहमद हुसैन माइल Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.