Coupletss of Ahmad Rahi
नाम | अहमद राही |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Rahi |
जन्म की तारीख | 1923 |
मौत की तिथि | 2002 |
जन्म स्थान | Lahore |
कविताएं
Ghazal 25
Nazam 10
Couplets 17
Qita 1
Love 28
Sad 35
Heart Broken 38
Bewafa 4
Hope 15
Friendship 7
Islamic 4
बारिश 2
ख्वाब 10
Sharab 3
ज़िंदगी के वो किसी मोड़ पे गाहे गाहे
वो दास्ताँ जो तिरी दिल-कशी ने छेड़ी थी
वक़्त की क़ब्र में उल्फ़त का भरम रखने को
क़द ओ गेसू लब-ओ-रुख़्सार के अफ़्साने चले
मिरे हबीब मिरी मुस्कुराहटों पे न जा
मैं तो मस्जिद से चला था किसी काबा की तरफ़
मैं सोचता हूँ ज़माने का हाल क्या होगा
ख़ुश्क ख़ुश्क सी पलकें और सूख जाती हैं
कहीं ये अपनी मोहब्बत की इंतिहा तो नहीं
जिस तरफ़ जाएँ जहाँ जाएँ भरी दुनिया में
हर एक बात के यूँ तो दिए जवाब उस ने
दूर तेरी महफ़िल से रात दिन सुलगता हूँ
दिल से दिल नज़रों से नज़रों के उलझने का समाँ
दिल के सुनसान जज़ीरों की ख़बर लाएगा
दर्द की बात किसी हँसती हुई महफ़िल में
अब न काबा की तमन्ना न किसी बुत की हवस
अब इस के तसव्वुर से भी झुकने लगीं आँखें