Sad Poetry of Ajmal Siraj

Sad Poetry of Ajmal Siraj
नामअजमल सिराज
अंग्रेज़ी नामAjmal Siraj
जन्म की तारीख1968
जन्म स्थानKarachi

ये उदासी का सबब पूछने वाले 'अजमल'

रह गया दिल में इक दर्द सा

कुछ कहना चाहते थे कि ख़ामोश हो गए

किसी के हिज्र में जीना मुहाल हो गया है

ग़म सभी दिल से रुख़्सत हुए

बस एक शाम का हर शाम इंतिज़ार रहा

'अजमल'-सिराज हम उसे भूल हुए तो हैं

तेरे सिवा किसी की तमन्ना करूँगा मैं

सुनी है चाप बहुत वक़्त के गुज़रने की

पेश जो आया सर-ए-साहिल शब बतलाया

नज़र आ रहे हैं जो तन्हा से हम

मैं ने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है

किसी की क़ैद से आज़ाद हो के रह गए हैं

किसी के हिज्र में जीना मुहाल हो गया है

जो कल हैरान थे उन को परेशाँ कर के छोड़ूँगा

जो अश्क बरसा रहे हैं साहिब

हम अपने-आप में रहते हैं दम में दम जैसे

गुज़र गई है अभी साअत-ए-गुज़िश्ता भी

दुश्वार है इस अंजुमन-आरा को समझना

दीवार याद आ गई दर याद आ गया

और तो ख़ैर क्या रह गया

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