बताऊँ आप को मरने के बाद क्या होगा
पोलाओ खाएँगे अहबाब फ़ातिहा होगा
Mohsin Naqvi
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Wasi Shah
Gulzar
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Habib Jalib
Rahat Indori
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(3708) Peoples Rate This
लगावट की अदा से उन का कहना पान हाज़िर है
हल्क़े नहीं हैं ज़ुल्फ़ के हल्क़े हैं जाल के
बहुत रहा है कभी लुत्फ़-ए-यार हम पर भी
मेरे हवास-ए-इश्क़ में क्या कम हैं मुंतशिर
ज़रूरी चीज़ है इक तजरबा भी ज़िंदगानी में
क़ौम के ग़म में डिनर खाते हैं हुक्काम के साथ
जो तुम्हारे लब-ए-जाँ-बख़्श का शैदा होगा
एज़ाज़-ए-सलफ़ के मिटते जाते हैं निशाँ
ग़ज़ब है वो ज़िद्दी बड़े हो गए
बस जान गया मैं तिरी पहचान यही है
तय्यार थे नमाज़ पे हम सुन के ज़िक्र-ए-हूर
नाज़ क्या इस पे जो बदला है ज़माने ने तुम्हें