Khawab Poetry of Akhtar Ansari

Khawab Poetry of Akhtar Ansari
नामअख़्तर अंसारी
अंग्रेज़ी नामAkhtar Ansari
जन्म की तारीख1909
मौत की तिथि1988

कोई मआल-ए-मोहब्बत मुझे बताओ नहीं

हाँ कभी ख़्वाब-ए-इश्क़ देखा था

सदा कुछ ऐसी मिरे गोश-ए-दिल में आती है

क़सम इन आँखों की जिन से लहू टपकता है

मेरे रुख़ से सुकूँ टपकता है

लुत्फ़ ले ले के पिए हैं क़दह-ए-ग़म क्या क्या

कोई मआल-ए-मोहब्बत मुझे बताओ नहीं

दिन मुरादों के ऐश की रातें

चर्ख़ की सई-ए-जफ़ा कोशिश नाकारा है

आईना-ए-निगाह में अक्स-ए-शबाब है

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