Coupletss of Akhtar Ansari

Coupletss of Akhtar Ansari
नामअख़्तर अंसारी
अंग्रेज़ी नामAkhtar Ansari
जन्म की तारीख1909
मौत की तिथि1988

यारों के इख़्लास से पहले दिल का मिरे ये हाल न था

याद-ए-माज़ी अज़ाब है या-रब

वो माज़ी जो है इक मजमुआ अश्कों और आहों का

उस से पूछे कोई चाहत के मज़े

सुनने वाले फ़साना तेरा है

शबाब-ए-दर्द मिरी ज़िंदगी की सुब्ह सही

शबाब नाम है उस जाँ-नवाज़ लम्हे का

समझता हूँ मैं सब कुछ सिर्फ़ समझाना नहीं आता

रोए बग़ैर चारा न रोने की ताब है

रंग ओ बू में डूबे रहते थे हवास

रगों में दौड़ती हैं बिजलियाँ लहू के एवज़

मिला के क़तरा-ए-शबनम में रंग ओ निकहत-ए-गुल

मिरी ख़बर तो किसी को नहीं मगर 'अख़्तर'

मैं किसी से अपने दिल की बात कह सकता न था

कोई रोए तो मैं बे-वजह ख़ुद भी रोने लगता हूँ

कोई मआल-ए-मोहब्बत मुझे बताओ नहीं

जब से मुँह को लग गई 'अख़्तर' मोहब्बत की शराब

इस में कोई मिरा शरीक नहीं

इलाज-ए-'अख़्तर'-ए-ना-काम क्यूँ नहीं मुमकिन

हाँ कभी ख़्वाब-ए-इश्क़ देखा था

दूसरों का दर्द 'अख़्तर' मेरे दिल का दर्द है

दिल-ए-फ़सुर्दा में कुछ सोज़ ओ साज़ बाक़ी है

अपनी उजड़ी हुई दुनिया की कहानी हूँ मैं

ऐ सोज़-ए-जाँ-गुदाज़ अभी मैं जवान हूँ

आरज़ू को रूह में ग़म बन के रहना आ गया

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