Ghazals of Amirullah Tasleem

Ghazals of Amirullah Tasleem
नामअमीरुल्लाह तस्लीम
अंग्रेज़ी नामAmirullah Tasleem
जन्म की तारीख1819
मौत की तिथि1911
जन्म स्थानLucknow

वस्ल में बिगड़े बने यार के अक्सर गेसू

वस्ल की शब भी अदा-ए-रस्म-ए-हिरमाँ में रहा

थक गए तुम हसरत-ए-ज़ौक़-ए-शहादत कम नहीं

शमीम-ए-यार न जब तक चमन में छू आए

पारसाई उन की जब याद आएगी

क्यूँ ख़राबात में लाफ़-ए-हमा-दानी वाइ'ज़

करो न देर जहाँ में जहाँ से आगे चलो

कल मिरा था आज वो बुत ग़ैर का होने लगा

कहने सुनने से मिरी उन की अदावत हो गई

ग़ैब से सहरा-नवरदों का मुदावा हो गया

गर यही है आदत-ए-तकरार हँसते बोलते

फ़िक्र है शौक़-ए-कमर इश्क़-ए-दहाँ पैदा करूँ

इक आफ़त-ए-जाँ है जो मुदावा मिरे दिल का

चाहता हूँ पहले ख़ुद-बीनी से मौत आए मुझे

चारासाज़-ए-ज़ख़्म-ए-दिल वक़्त-ए-रफ़ू रोने लगा

भूले से भी न जानिब-ए-अग़्यार देखना

बढ़ गई मय पीने से दिल की तमन्ना और भी

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