Love Poetry of Anjum Saleemi (page 2)

Love Poetry of Anjum Saleemi (page 2)
नामअंजुम सलीमी
अंग्रेज़ी नामAnjum Saleemi
जन्म की तारीख1963
जन्म स्थानFaislabad

आइंदगाँ की उदासी में

ये मोहब्बत का जो अम्बार पड़ा है मुझ में

उसे छूते हुए भी डर रहा था

सुल्ह के बअ'द मोहब्बत नहीं कर सकता मैं

सख़्त मुश्किल में किया हिज्र ने आसान मुझे

सहर को खोज चराग़ों पे इंहिसार न कर

सब को अपने ज़ेहन से झटका ख़ुद को याद किया

मैं ख़ुद को मिस्मार कर के मलबा बना रहा हूँ

ख़ुद अपने हाथ से क्या क्या हुआ नहीं मिरे साथ

खींचा हुआ है गर्दिश-ए-अफ़्लाक ने मुझे

ख़ाक छानी न किसी दश्त में वहशत की है

काग़ज़ था मैं दिए पे मुझे रख दिया गया

इन दिनों ख़ुद से फ़राग़त ही फ़राग़त है मुझे

इक दूजे को देर से समझा देर से यारी की

दीवार पे रक्खा तो सितारे से उठाया

दर्द-ए-विरासत पा लेने से नाम नहीं चल सकता

चराग़ हाथ में हो तो हवा मुसीबत है

चला हवस के जहानों की सैर करता हुआ

अच्छे मौसम में तग-ओ-ताज़ भी कर लेता हूँ

आईना साफ़ था धुँदला हुआ रहता था मैं

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