Sad Poetry of Arsh Malsiyani
नाम | अर्श मलसियानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Arsh Malsiyani |
जन्म की तारीख | 1908 |
मौत की तिथि | 1979 |
कविताएं
Ghazal 23
Nazam 8
Couplets 23
Love 32
Sad 24
Heart Broken 25
Bewafa 2
Hope 16
Friendship 5
Islamic 9
Sufi 1
देशभक्तिपूर्ण 5
ख्वाब 4
Sharab 6
वो सहरा जिस में कट जाते हैं दिन याद-ए-बहाराँ से
तौबा तौबा ये बला-ख़ेज़ जवानी तौबा
मौत ही इंसान की दुश्मन नहीं
दर्द मेराज को पहुँचता है
'अर्श' पहले ये शिकायत थी ख़फ़ा होता है वो
मेरे प्यारे वतन
मेरा वतन
मैं क्यूँ भूल जाऊँ
जश्न-ए-आज़ादी
दीवाली
15 अगस्त (1949)
ये दुनिया है उसे दार-उल-फ़ितन कहना ही पड़ता है
वो ले के हौसला-ए-अज़्म-ए-बे-पनाह चले
तू अगर दिल में एक बार आए
तरब के मख़मसे ग़म के झमेले
रहगुज़र रहगुज़र से पूछ लिया
पहला सा वो जुनून-ए-मोहब्बत नहीं रहा
मोहब्बत सोज़ भी है साज़ भी है
कारवाँ से कुछ इस तरह बिछड़े
इश्क़-ए-बुताँ का ले के सहारा कभी कभी
एहसास-ए-हुस्न बन के नज़र में समा गए
दिल-ए-फ़सुर्दा पे सौ बार ताज़गी आई
दर्द का हाल आह से पूछो
अगर तक़दीर तेरी बाइस-ए-आज़ार हो जाए