Love Poetry of Arsh Malsiyani

Love Poetry of Arsh Malsiyani
नामअर्श मलसियानी
अंग्रेज़ी नामArsh Malsiyani
जन्म की तारीख1908
मौत की तिथि1979

तौबा तौबा ये बला-ख़ेज़ जवानी तौबा

साक़ी मिरी ख़मोश-मिज़ाजी की लाज रख

मोहब्बत सोज़ भी है साज़ भी है

मौत ही इंसान की दुश्मन नहीं

ख़ुश्क बातों में कहाँ है शैख़ कैफ़-ए-ज़िंदगी

जितनी वो मिरे हाल पे करते हैं जफ़ाएँ

इस इंतिहा-ए-तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद

हुस्न हर हाल में है हुस्न परागंदा नक़ाब

चमन में कौन है पुरसान-ए-हाल शबनम का

बला है क़हर है आफ़त है फ़ित्ना है क़यामत है

मेरे प्यारे वतन

मैं क्यूँ भूल जाऊँ

जश्न-ए-आज़ादी

दीवाली

15 अगस्त (1949)

ज़ख़्म-ए-दिल भी दिखा के देख लिया

ये दुनिया है उसे दार-उल-फ़ितन कहना ही पड़ता है

वो ले के हौसला-ए-अज़्म-ए-बे-पनाह चले

तू अगर दिल में एक बार आए

रहगुज़र रहगुज़र से पूछ लिया

पहला सा वो जुनून-ए-मोहब्बत नहीं रहा

नैरंगी-ए-बहार-ओ-ख़िज़ाँ देखते रहे

मोहब्बत सोज़ भी है साज़ भी है

लुत्फ़ ही लुत्फ़ है जो कुछ है इनायत के सिवा

ख़ाना-ए-दिल में दाग़ जल न सका

जिस में हो दोज़ख़ का डर क्या लुत्फ़ उस जीने में है

इश्क़-ए-बुताँ का ले के सहारा कभी कभी

हुस्न पर दस्तरस की बात न कर

एहसास-ए-हुस्न बन के नज़र में समा गए

दिल-ए-फ़सुर्दा पे सौ बार ताज़गी आई

अर्श मलसियानी Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अर्श मलसियानी. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अर्श मलसियानी. Share the अर्श मलसियानी Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.