मिर्ज़ा रज़ा बर्क़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मिर्ज़ा रज़ा बर्क़ (page 2)

मिर्ज़ा रज़ा बर्क़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मिर्ज़ा रज़ा बर्क़ (page 2)
नाममिर्ज़ा रज़ा बर्क़
अंग्रेज़ी नामBarq Mirza Raza
जन्म की तारीख1790
मौत की तिथि1857
जन्म स्थानLucknow

मिसाल-ए-तार-ए-नज़र क्या नज़र नहीं आता

मतलब न काबे से न इरादा कनिश्त का

मैं अगर रोने लगूँ रुतबा-ए-वाला बढ़ जाए

लाख पर्दे से रुख़-ए-अनवर अयाँ हो जाएगा

लब-ए-रंगीं से अगर तू गुहर-अफ़शाँ होता

किस तरह मिलें कोई बहाना नहीं मिलता

जब अयाँ सुब्ह को वो नूर-ए-मुजस्सम हो जाए

गया शबाब न पैग़ाम-ए-वस्ल-ए-यार आया

देखी जो ज़ुल्फ़-ए-यार तबीअत सँभल गई

चाँद सा चेहरा जो उस का आश्कारा हो गया

बे-बुलाए हुए जाना मुझे मंज़ूर नहीं

असर ज़ुल्फ़ का बरमला हो गया

ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है

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