मिर्ज़ा रज़ा बर्क़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मिर्ज़ा रज़ा बर्क़ (page 2)
नाम | मिर्ज़ा रज़ा बर्क़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Barq Mirza Raza |
जन्म की तारीख | 1790 |
मौत की तिथि | 1857 |
जन्म स्थान | Lucknow |
कविताएं
Ghazal 22
Couplets 21
Love 25
Sad 16
Heart Broken 17
Bewafa 1
Hope 9
Friendship 9
Islamic 9
देशभक्तिपूर्ण 1
ख्वाब 5
Sharab 4
मिसाल-ए-तार-ए-नज़र क्या नज़र नहीं आता
मतलब न काबे से न इरादा कनिश्त का
मैं अगर रोने लगूँ रुतबा-ए-वाला बढ़ जाए
लाख पर्दे से रुख़-ए-अनवर अयाँ हो जाएगा
लब-ए-रंगीं से अगर तू गुहर-अफ़शाँ होता
किस तरह मिलें कोई बहाना नहीं मिलता
जब अयाँ सुब्ह को वो नूर-ए-मुजस्सम हो जाए
गया शबाब न पैग़ाम-ए-वस्ल-ए-यार आया
देखी जो ज़ुल्फ़-ए-यार तबीअत सँभल गई
चाँद सा चेहरा जो उस का आश्कारा हो गया
बे-बुलाए हुए जाना मुझे मंज़ूर नहीं
असर ज़ुल्फ़ का बरमला हो गया
ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है