Sharab Poetry of Bashir Badr

Sharab Poetry of Bashir Badr
नामबशीर बद्र
अंग्रेज़ी नामBashir Badr
जन्म की तारीख1935
जन्म स्थानBhopal

प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ

न तुम होश में हो न हम होश में हैं

मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए

हाथ में चाँद जहाँ आया मुक़द्दर चमका

वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है

मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में

कहाँ आँसुओं की ये सौग़ात होगी

जब तक निगार-ए-दाश्त का सीना दुखा न था

हमारे पास तो आओ बड़ा अंधेरा है

हमारा दिल सवेरे का सुनहरा जाम हो जाए

फ़लक से चाँद सितारों से जाम लेना है

बशीर बद्र Sharab Poetry in Hindi - Read famous Sharab Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बशीर बद्र. Largest collection of Sharab Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बशीर बद्र. Share the बशीर बद्र Sharab Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.