Coupletss of Bashir Badr

Coupletss of Bashir Badr
नामबशीर बद्र
अंग्रेज़ी नामBashir Badr
जन्म की तारीख1935
जन्म स्थानBhopal

ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं

ये ज़ाफ़रानी पुलओवर उसी का हिस्सा है

ये शबनमी लहजा है आहिस्ता ग़ज़ल पढ़ना

ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं

ये परिंदे भी खेतों के मज़दूर हैं

ये एक पेड़ है आ इस से मिल के रो लें हम

यारो नए मौसम ने ये एहसान किए हैं

यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं

यहाँ एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें

वो शख़्स जिस को दिल ओ जाँ से बढ़ के चाहा था

वो माथा का मतला हो कि होंठों के दो मिसरे

वो जिन के ज़िक्र से रगों में दौड़ती थीं बिजलियाँ

वो इत्र-दान सा लहजा मिरे बुज़ुर्गों का

वो इंतिज़ार की चौखट पे सो गया होगा

वो चेहरा किताबी रहा सामने

वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है

वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है

वो बड़ा रहीम ओ करीम है मुझे ये सिफ़त भी अता करे

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से

उस ने छू कर मुझे पत्थर से फिर इंसान किया

उस की आँखों को ग़ौर से देखो

उसे पाक नज़रों से चूमना भी इबादतों में शुमार है

उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में

उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं

तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा

तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा था

तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है

तुम्हारे घर के सभी रास्तों को काट गई

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