Khawab Poetry of Bashir Badr

Khawab Poetry of Bashir Badr
नामबशीर बद्र
अंग्रेज़ी नामBashir Badr
जन्म की तारीख1935
जन्म स्थानBhopal

नए दौर के नए ख़्वाब हैं नए मौसमों के गुलाब हैं

न उदास हो न मलाल कर किसी बात का न ख़याल कर

ये ज़र्द पत्तों की बारिश मिरा ज़वाल नहीं

उदास रात है कोई तो ख़्वाब दे जाओ

प्यार की नई दस्तक दिल पे फिर सुनाई दी

पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है

मेरे सीने पर वो सर रक्खे हुए सोता रहा

मेरे दिल की राख कुरेद मत इसे मुस्कुरा के हवा न दे

कभी यूँ भी आ मिरी आँख में कि मिरी नज़र को ख़बर न हो

होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते

हँसी मासूम सी बच्चों की कापी में इबारत सी

हमारे पास तो आओ बड़ा अंधेरा है

है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है

भीगी हुई आँखों का ये मंज़र न मिलेगा

अब तो अँगारों के लब चूम के सो जाएँगे

बशीर बद्र ख्वाब Poetry in Hindi - Read famous ख्वाब Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बशीर बद्र. Largest collection of ख्वाब Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बशीर बद्र. Share the बशीर बद्र ख्वाब Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.