Love Poetry of Bismil Saeedi

Love Poetry of Bismil Saeedi
नामबिस्मिल सईदी
अंग्रेज़ी नामBismil Saeedi
जन्म की तारीख1902
मौत की तिथि1977

मोहब्बत में ख़ुदा जाने हुईं रुस्वाइयाँ किस से

ख़ुश्बू को फैलने का बहुत शौक़ है मगर

इश्क़ भी है किस क़दर बर-ख़ुद-ग़लत

हुस्न भी कम्बख़्त कब ख़ाली है सोज़-ए-इश्क़ से

दोहराई जा सकेगी न अब दास्तान-ए-इश्क़

वही होती है रहबर जो तमन्ना दिल में होती है

सर जिस पे न झुक जाए उसे दर नहीं कहते

रह-रव-ए-राह-ए-मोहब्बत कौन सी मंज़िल में है

कौन समझे इश्क़ की दुश्वारियाँ

कब से उलझ रहे हैं दम-ए-वापसीं से हम

इश्क़ जो ना-गहाँ नहीं होता

फ़राहम जिस क़दर इशरत के सामाँ होते जाते हैं

बैठा नहीं हूँ साया-ए-दीवार देख कर

अब इश्क़ रहा न वो जुनूँ है

बिस्मिल सईदी Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बिस्मिल सईदी. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बिस्मिल सईदी. Share the बिस्मिल सईदी Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.