याद

दश्त-ए-तन्हाई में ऐ जान-ए-जहाँ लर्ज़ां हैं

तेरी आवाज़ के साए तिरे होंटों के सराब

दश्त-ए-तन्हाई में दूरी के ख़स ओ ख़ाक तले

खिल रहे हैं तिरे पहलू के समन और गुलाब

उठ रही है कहीं क़ुर्बत से तिरी साँस की आँच

अपनी ख़ुशबू में सुलगती हुई मद्धम मद्धम

दूर उफ़ुक़ पार चमकती हुई क़तरा क़तरा

गिर रही है तिरी दिलदार नज़र की शबनम

इस क़दर प्यार से ऐ जान-ए-जहाँ रक्खा है

दिल के रुख़्सार पे इस वक़्त तिरी याद ने हात

यूँ गुमाँ होता है गरचे है अभी सुब्ह-ए-फ़िराक़

ढल गया हिज्र का दिन आ भी गई वस्ल की रात

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Yaad In Hindi By Famous Poet Faiz Ahmad Faiz. Yaad is written by Faiz Ahmad Faiz. Complete Poem Yaad in Hindi by Faiz Ahmad Faiz. Download free Yaad Poem for Youth in PDF. Yaad is a Poem on Inspiration for young students. Share Yaad with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.