Sad Poetry of Fareed Javed
नाम | फ़रीद जावेद |
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अंग्रेज़ी नाम | Fareed Javed |
जन्म की तारीख | 1927 |
मौत की तिथि | 1977 |
जन्म स्थान | Karachi |
तरब का रंग मोहब्बत की लौ नहीं देता
हमें भी अपनी तबाही पे रंज होता है
ये कहाँ से मौज-ए-तरब उठी कि मलाल दिल से निकल गए
ये कहाँ से मौज-ए-तरब उठी कि मलाल दिल से निकल गए
शौक़ का सिलसिला बे-कराँ है
साज़ दे के तारों को छेड़ तो दिया तुम ने
पहुँच के हम सर-ए-मंज़िल जिन्हें भुला न सके
पहुँच के हम सर-ए-मंज़िल जिन्हें भुला न सके
ना-शगुफ़्ता कलियों में शौक़ है तबस्सुम का
न ग़ुरूर है ख़िरद को न जुनूँ में बाँकपन है
न ग़ुरूर है ख़िरद को न जुनूँ में बाँकपन है
न बुत-कदे में न का'बे में सर झुकाने से
न बुत-कदे में न का'बे में सर झुकाने से
किस उजाले का निशाँ हैं हम लोग
किस से वफ़ा की है उमीद कौन वफ़ा-शिआर है
किस से वफ़ा की है उमीद कौन वफ़ा-शिआ'र है
जब भी शम-ए-तरब जलाई है
हम जिसे समझते थे सई-ए-राएगाँ यारो
हमारे सामने बेगाना-वार आओ नहीं
हमारे सामने बेगाना-वार आओ नहीं
ग़ुबार दिल पे बहुत आ गया है धो लें आज