Heart Broken Poetry of Ghulam Maula Qalaq (page 2)
नाम | ग़ुलाम मौला क़लक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ghulam Maula Qalaq |
कविताएं
Ghazal 42
Couplets 49
Rubaai 69
Love 43
Sad 40
Heart Broken 49
Bewafa 15
Hope 39
Friendship 24
Islamic 15
Sufi 6
देशभक्तिपूर्ण 3
ख्वाब 7
Sharab 18
किस क़दर दिलरुबा-नुमा है दिल
ख़ुशी में भी नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ हूँ
ख़त ज़मीं पर न ऐ फ़ुसूँ-गर काट
कहिए क्या और फ़ैसले की बात
जो दिलबर की मोहब्बत दिल से बदले
जौहर-ए-आसमाँ से क्या न हुआ
हम तो याँ मरते हैं वाँ उस को ख़बर कुछ भी नहीं
हो जुदा ऐ चारा-गर है मुझ को आज़ार-ए-फ़िराक़
हर अदावत की इब्तिदा है इश्क़
है ख़मोशी-ए-इंतिज़ार बला
ग़ैर शायान-ए-रस्म-ओ-राह नहीं
दूरी में क्यूँ कि हो न तमन्ना हुज़ूर की
दिल के हर जुज़्व में जुदाई है
दीदा-ए-सर्फ़-ए-इंतिज़ार है शम्अ
चल दिए हम ऐ ग़म-ए-आलम विदाअ'
बे-गाना-अदाई है सितम जौर-ओ-सितम में
ऐ सितम-आज़मा जफ़ा कब तक
ऐ ख़ार ख़ार-ए-हसरत क्या क्या फ़िगार हैं हम
आप के महरम असरार थे अग़्यार कि हम