Friendship Poetry (page 98)
ग़ुबार-ए-दर्द से सारा बदन अटा निकला
अब्दुल हफ़ीज़ नईमी
ज़ाहिरन मौत है क़ज़ा है इश्क़
अब्दुल ग़फ़ूर नस्साख़
नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का
अब्दुल ग़फ़ूर नस्साख़
क़ुर्ब नस नस में आग भरता है
अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद
ख़ामोश कली सारे गुलिस्ताँ की ज़बाँ है
अब्दुल अज़ीज़ फ़ितरत
ग़ुंचे का जवाब हो गया है
अब्दुल अज़ीज़ फ़ितरत
उस से उम्मीद-ए-वफ़ा ऐ दिल-ए-नाशाद न कर
अब्दुल अलीम आसि
मिरी रफ़ीक़-ए-नफ़्स मौत तेरी उम्र दराज़
अब्दुल अहद साज़
दोस्त अहबाब से लेने न सहारे जाना
अब्दुल अहद साज़
ख़याल-ए-ख़ातिर-ए-अहबाब
अब्दुल अहद साज़
औज-बिन-उनुक़
अब्दुल अहद साज़
अलविदा
अब्दुल अहद साज़
यूँ भी दिल अहबाब के हम ने गाहे गाहे रक्खे थे
अब्दुल अहद साज़
तब-ए-हस्सास मिरी ख़ार हुई जाती है
अब्दुल अहद साज़
मेरी आँखों से गुज़र कर दिल ओ जाँ में आना
अब्दुल अहद साज़
मैं ने अपनी रूह को अपने तन से अलग कर रक्खा है
अब्दुल अहद साज़
लम्हा-ए-तख़्लीक़ बख़्शा उस ने मुझ को भीक में
अब्दुल अहद साज़
जब तक शब्द के दीप जलेंगे सब आएँगे तब तक यार
अब्दुल अहद साज़
हिसार-ए-दीद में जागा तिलिस्म-ए-बीनाई
अब्दुल अहद साज़
बजा कि पाबंद-ए-कूचा-ए-नाज़ हम हुए थे
अब्दुल अहद साज़
बजा कि पाबंद-ए-कूचा-ए-नाज़ हम हुए थे
अब्दुल अहद साज़
अधूरी नज़्म
अब्बास ताबिश
ये तो नहीं फ़रहाद से यारी नहीं रखते
अब्बास ताबिश
रातें गुज़ारने को तिरी रहगुज़र के साथ
अब्बास ताबिश
पस-ए-ग़ुबार मदद माँगते हैं पानी से
अब्बास ताबिश
मुझ तही-जाँ से तुझे इंकार पहले तो न था
अब्बास ताबिश
मेरे आ'साब मोअ'त्तल नहीं होने देंगे
अब्बास ताबिश
जो भी मिन-जुम्ला-ए-अश्जार नहीं हो सकता
अब्बास ताबिश
चश्म-ए-नम-दीदा सही ख़ित्ता-ए-शादाब मिरा
अब्बास ताबिश
चाँद को तालाब मुझ को ख़्वाब वापस कर दिया
अब्बास ताबिश