Love Poetry (page 200)
रेत और दर्द
बाक़र मेहदी
निरवान
बाक़र मेहदी
जहन्नम
बाक़र मेहदी
हमारे ब'अद
बाक़र मेहदी
गोडो
बाक़र मेहदी
दीमक
बाक़र मेहदी
धरती का बोझ
बाक़र मेहदी
बहुत है एक नज़र
बाक़र मेहदी
अलविदा'अ
बाक़र मेहदी
ज़र्रे का राज़ मेहर को समझाना चाहिए
बाक़र मेहदी
वो रिंद क्या कि जो पीते हैं बे-ख़ुदी के लिए
बाक़र मेहदी
सादा काग़ज़ पे कोई नाम कभी लिख लेना!
बाक़र मेहदी
लरज़ लरज़ के न टूटें तो वो सितारे क्या
बाक़र मेहदी
क्या क्या नहीं किया मगर उन पर असर नहीं
बाक़र मेहदी
क्या ख़बर थी कि कभी बे-सर-ओ-सामाँ होंगे
बाक़र मेहदी
ख़बर सुनेगा मिरी मौत की तो ख़ुश होगा
बाक़र मेहदी
कौन भला ये कहता है ख़ुद आ के हम को मनाएँ आप
बाक़र मेहदी
इश्क़ की सारी बातें ऐ दिल पागल-पन की बातें हैं
बाक़र मेहदी
इस दर्जा हुआ ख़ुश कि डरा दिल से बहुत मैं
बाक़र मेहदी
गूँजता शहरों में तन्हाई का सन्नाटा तो है
बाक़र मेहदी
फ़रेब खा के भी शर्मिंदा-ए-सुकूँ न हुए
बाक़र मेहदी
दुश्मन-ए-जाँ कोई बना ही नहीं
बाक़र मेहदी
दर्द-ए-दिल आज भी है जोश-ए-वफ़ा आज भी है
बाक़र मेहदी
चाहा बहुत कि इश्क़ की फिर इब्तिदा न हो
बाक़र मेहदी
बहुत ज़ी-फ़हम हैं दुनिया को लेकिन कम समझते हैं!
बाक़र मेहदी
बदल के रख देंगे ये तसव्वुर कि आदमी का वक़ार क्या है
बाक़र मेहदी
औरों पे इत्तिफ़ाक़ से सब्क़त मिली मुझे
बाक़र मेहदी
अजीब दिल में मिरे आज इज़्तिराब सा है!
बाक़र मेहदी
अब ख़ानुमाँ-ख़राब की मंज़िल यहाँ नहीं
बाक़र मेहदी
शाहिद-ए-ग़ैब हुवैदा न हुआ था सो हुआ
बाक़र आगाह वेलोरी