बारिश Poetry (page 10)
उस ने देखा था अजब एक तमाशा मुझ में
एजाज़ उबैद
किस से मिलने जाओ अब किस से मुलाक़ातें करो
एजाज़ उबैद
जो जा चुके हैं ग़ालिबन उतरें कभी ज़ीना तिरा
एजाज़ उबैद
गले लग कर मिरे वो जाने हँसता था कि रोता था
एजाज़ उबैद
क़ाफ़िला उतरा सहरा में और पेश वही मंज़र आए
एजाज़ गुल
अपना अपना रंग
एजाज़ फ़ारूक़ी
आ गया ईसार मेरे हल्क़ा-ए-अहबाब में
एजाज़ अासिफ़
ऐ काश हो बरसात ज़रा और ज़रा और
अहया भोजपुरी
चराग़ दिल का था रौशन बुझा गया पानी
एहतिशाम अख्तर
ज़िंदगी इक आग है वो आग जलना चाहिए
एहसान जाफ़री
रंग-ए-तहज़ीब-ओ-तमद्दुन के शनासा हम भी हैं
एहसान दानिश
मंज़र है अभी दूर ज़रा हद्द-ए-नज़र से
डॉ. पिन्हाँ
हर शख़्स में कुछ लोग कमी ढूँड रहे हैं
डॉक्टर आज़म
कुछ आदमी समाज पे बोझल हैं आज भी
दिवाकर राही
मिरे कमरे में पूरी चाँदनी है
दिनेश नायडू
जो भी निकले तिरी आवाज़ लगाता निकले
दिनेश नायडू
रिश्वत-ख़ोर सरकारी मुलाज़मीन
दिलावर फ़िगार
इश्क़ का परचा
दिलावर फ़िगार
क्या चाहा था क्या सोचा था क्या गुज़री क्या बात हुई
देवमणि पांडेय
कहाँ गई एहसास की ख़ुशबू फ़ना हुए जज़्बात कहाँ
देवमणि पांडेय
जब भी चली है तेरी बात
देवमणि पांडेय
मानोगे इक बात कहो तो बोलूँ मैं
दीपक शर्मा दीप
इल्म
दाऊद ग़ाज़ी
भला ये कौन है मेरे ही अंदर मुझ से रंजिश में
दर्शिका वसानी
ख़्वाब जज़ीरा बन सकते थे नहीं बने
दानियाल तरीर
कहानी एक रात की
दानिश फ़राज़ी
सितम के बा'द भी बाक़ी करम की आस तो है
दानिश फ़राही
दुनिया पत्थर फेंक रही है झुँझला कर फ़र्ज़ानों पर
डी. राज कँवल
बी.टी-नामा
कर्नल मोहम्मद ख़ान
मोहब्बत की गली से हम जहाँ हो कर निकल आए
चित्रांश खरे