बारिश Poetry (page 9)
देखते ही देखते खोने से पहले देखते
फ़रहत एहसास
बादल इस बार जो उस शहर पे छाए हुए हैं
फ़रहत एहसास
ग़म का बादल
फ़रीद इशरती
सारे मंज़र दिलकश थे हर बात सुहानी लगती थी
फ़रह इक़बाल
मुद्दतों हम से मुलाक़ात नहीं करते हैं
फ़रह इक़बाल
हमें तो साथ चलने का हुनर अब तक नहीं आया
फ़रह इक़बाल
कभी यक़ीं से हुई और कभी गुमाँ से हुई
फ़राग़ रोहवी
जिस दिन से कोई ख़्वाहिश-ए-दुनिया नहीं रखता
फ़राग़ रोहवी
वो पहले अंधे कुएँ में गिराए जाते हैं
फख्र ज़मान
कुछ बात नहीं जिस्म अगर मेरा जला है
फख्र ज़मान
तपता सूरज शाम को ढल जाएगा
फ़ैज़ी सम्बलपुरी
तीन आवाज़ें
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
मरसिए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
मैं तेरे सपने देखूँ
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ख़त्म हुई बारिश-ए-संग
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
फ़र्श-ए-नौमीदी-ए-दीदार
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
दस्त-ए-तह-ए-संग-आमदा
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
'शोपीं' का नग़्मा बजता है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
याद-ए-ग़ज़ाल-चश्माँ ज़िक्र-ए-समन-अज़ाराँ
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
फिर लौटा है ख़ुर्शीद-ए-जहाँ-ताब सफ़र से
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कब तक दिल की ख़ैर मनाएँ कब तक रह दिखलाओगे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ख़ाकम-ब-दहन
फ़हमीदा रियाज़
नमक की रोज़ मालिश कर रहे हैं
फ़हमी बदायूनी
मौत की सम्त जान चलती रही
फ़हमी बदायूनी
धुँद में डूबी सारी फ़ज़ा थी उस के बाल भी गीले थे
फ़हीम शनास काज़मी
जान-ए-अय्याम-ए-दिलबरी है याद
फ़ाएज़ देहलवी
दामन तेरा मुझ से छूटा मिलने के हालात नहीं
एलिज़ाबेथ कुरियन मोना
तालाब तो बरसात में हो जाते हैं कम-ज़र्फ़
एजाज़ रहमानी
ख़ुश्क दरिया पड़ा है ख़्वाहिश का
एजाज़ रहमानी