अहवाल से कहा किसी ने ऐ नेक-शिआ'र
कछवा और ख़रगोश
गर्मी का मौसम
एक पौदा और घास
अहमद का मक़ाम है मक़ाम-ए-महमूद
कहते हैं सभी मुसदाम अल्लाह अल्लाह
गर जौर-ओ-जफ़ा करे तो इनआ'म समझ
इसराफ़ से एहतिराज़ अगर फ़रमाते
तक़रीर से वो फ़ुज़ूँ बयान से बाहर
अक्सर ने है आख़िरत की खेती बोई
कहते हैं जो अहल-ए-अक़्ल हैं दूर-अंदेश
अब क़ौम की जो रस्म है सो ऊल-जुलूल