कहते हैं सभी मुसदाम अल्लाह अल्लाह
करते हैं बराए नाम अल्लाह अल्लाह
ये नाम-ओ-निशान भी नक़ाब-ए-रुख़ हैं
क्या ख़ूब है इंतिज़ाम अल्लाह अल्लाह
Anwar Masood
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Wasi Shah
Jaun Eliya
Gulzar
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Faiz Ahmad Faiz
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दीन और दुनिया का तफ़रक़ा है मोहमल
चिड़िया के बच्चे
तक़रीर से वो फ़ुज़ूँ बयान से बाहर
अब क़ौम की जो रस्म है सो ऊल-जुलूल
जो चाहिए वो तो है अज़ल से मौजूद
पानी में है आग का लगाना दुश्वार
चक्खी भी है तू ने दुर्द-ए-जाम-ए-तौहीद
तौहीद की राह में है वीराना-ए-सख़्त
जो साहिब-ए-मक्रमत थे और दानिश-मंद
इंकार न इक़रार न तस्दीक़ न ईजाब
किस तौर से किस तरह से क्यूँ कर पाया
इंसाँ को चाहिए न हिम्मत हारे