बदला नहीं कोई भेस नाचारी से
हर रंग है इख़्तियार सरकारी से
बंदा शाहिद है और ताअ'त-ए-ज़ेवर
ये साँग भरा गया है अय्यारी से
Anwar Masood
Gulzar
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Rahat Indori
Allama Iqbal
Wasi Shah
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Habib Jalib
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तौहीद की राह में है वीराना-ए-सख़्त
जब तक कि सबक़ मिलाप का याद रहा
दुनिया का न खा फ़रेब वीराँ है ये
किस तौर से किस तरह से क्यूँ कर पाया
ईद-ए-रमज़ाँ है आज बा-ऐश-ओ-सुरूर
है इश्क़ से हुस्न की सफ़ाई ज़ाहिर
मुलम्मा की अँगूठी
हर ख़्वाहिश-ओ-अर्ज़-ओ-इल्तिजा से तौबा
मकशूफ़ हुआ कि दीद हैरानी है
तेज़ी नहीं मिनजुमला-ए-औसाफ़-ए-कमाल
अब क़ौम की जो रस्म है सो ऊल-जुलूल
दर-अस्ल कहाँ है इख़्तिलाफ़-ए-अहवाल